Pradhanmantri Beti Bachao Beti Padhao Yojana | Beti Bachao Beti Padhao In Hindi 2021
दोस्तों आज मैं आपको गंभीर बिषय बार बात करने वाला हु Beti Bachao Beti Padhao | बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ इस योजना की जरूरत क्यों आन पड़ी है हमारे देश को।
हमारा भारत देश एक महान देश है, भारत की संस्कृति आज पूरी दुनिया में प्रसिद्ध है। विदेशी लोग भारत की संस्कृति को पसंद करने लगे है, इन्हे मानने भी लगे है किन्तु हमारे देश के लोग ही हमारी संस्कृति को ख़राब करने लगे है।
इस दुनिया को चलाने के लिए लड़का और लड़की दोनों की सामान सहभागिता है। किन्तु दिन बा दिन लड़कियों की संख्या लड़को के मुकाबले घटती जा रही है जो चिंताजनक बात है।
इसी बात की गंभीरता को देखते हुए हम आज Beti Bachao Beti Padhao | बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ के विषय पर ये ब्लॉग लिख रहे है।
हमारे भारत देश में स्त्रियों को शुरुआत से ही पुरुषों से कमतर समझा जाता है। स्त्रियों के साथ भेदभाव किया जाता है। हमारा देश एक पुरुष प्रधान देश है जो स्त्रियों को जीने नहीं देना चाहते। जबकि इस दुनिया का अस्तित्व ही महिलाओं से है यदि महिलाय ही नहीं बचेगी तो संसार चलेगा कैसे।
फिर भी लोग केवल पुत्र की ही कामना करते है और पुत्र होने पर खुशियां मनाते है। जबकि लड़किओं के पैदा होने पर मायूस होते है या फिर बेटी को गर्व में ही मार डालते है।
इसी पागलपन वाली सोच ने न जाने कितने लड़कियों को लोगों ने जन्म से पहले ही मर दिया है।
बेटी बचाओ बेटी पढाओ – Beti Bachao Beti Padhao Yojana

BBBP Yojna: बेटी बचाओ बेटी पढाओ (beti bachao beti padhao) अभियान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने 100 करोड़ की प्रारंभिक लागत के साथ 22 जनवरी, 2015 में की थी ताकि बेटियों को उचित शिक्षा और सुरक्षा मिल सके।
मोदी जी ने बेटियों कि शिक्षा का महत्व भी बताया, उन्होंने कहा कि अगर बेटियां पढ़ी-लिखी नहीं होंगी तो पूरा परिवार अनपढ़ रह जाएगा। जिसके कारण हमारा भारत देश विकासशील देश ही बनकर रह जाएगा कभी भी विकसित देश नहीं बन पाएगा।
ये अभियान कई मायनों में अच्छा अभियान है बस इस देश के देशवासी की मानसिकता बदल जाये।
नरेंद्र मोदी जी ने इस योजना के माध्यम से इस बात पर विशेष जोर दिया कि बेटियों के साथ जो भी भेदभाव हो रहे हैं उनकी न किया जाये और साथ ही उनको पढ़ने लिखने या किसी भी कार्य में पुरुषो से कमतर न समझा जाये। देश की बेटियों को भी अपना जीवन जीने का पूर्ण अधिकार होना चाहिए।
BBBP Scheme Highlights
योजना का नाम | बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ |
शुरुआत | प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी द्वारा |
योजना लॉन्च की तारीक | 22 जनवरी 2015 |
योजना का उद्देश्य | लड़कियों के जीवन स्तर को ऊपर उठाना |
योजना विभाग | महिला और बाल विकास मंत्रालय |
योजना ऑफिसियल वेबसाइट | https://wcd.nic.in/ |
e-RUPI Digital Payment Platform
Mukhyamantri Vridhjan yojana (SSPMIS)
Beti Bachao Beti Padhao Scheme 2021
बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ के अंतरगर्त बेटी के माता पिता को बेटी का बैंक अकाउंट किसी राष्ट्रीय बैंक या फिर नजदीकी पोस्ट ऑफिस में खुलवाना होगा। माता पिता को बेटी के बैंक अकाउंट खोलने से लेकर 14 वर्ष की आयु तक एक निर्धारित धनराशि जमा करनी होगी।
इस योजना में यह बैंक अकाउंट बेटी के जन्म से 10 वर्ष की आयु तक खुलवाया जा सकता है। जब बेटी 18 वर्ष की होगी तब इस धनराशि का 50% निकाला जा सकता है और बांकी राशि जब बेटी 21 वर्ष की होगी तो उसके विवाह के लिए निकाली जा सकती है।
BBBP Yojana 2021 के तहत बेटी के बैंक अकाउंट में हर महीने 1000 रूपये जमा करने पर मिलने वाली राशि
BBBP Yojana 2021 के अनुशार बेटी के बैंक अकाउंट में हर महीने 1000 रूपये की धनराशि जमा करते है तो आपके द्वारा 14 वर्षो में कुल 1 ,68 000 रूपये की धनराशि जमा होगी | जब आपके अकाउंट
की आयु 21 वर्ष पूरी होगी तब आपकी बेटी को 6 ,07 ,128 रूपये की धनराशि प्रदान की जाएगी | जिसे आप अपनी बेटी के विवाह के लिए इस्तेमाल कर सकते है।
BBBP Yojana 2021 के अनुसार बैंक अकाउंट में प्रतिवर्ष 1 .5 लाख रूपये जमा करने पर मिलने वाली राशि
Beti Bachao Beti Padhao Scheme 2021 के अनुसार यदि आप बेटी के अकाउंट में प्रतिवर्ष 1 .5 लाख रूपये जमा करते है तो अगले 14 वर्षो में बेटी के अकाउंट में कुल 21 लाख रूपये जमा होंगे। अकाउंट की आयु 21 वर्ष पूरी होगी तब आपकी बेटी को 72 लाख रूपये प्रदान किये जायेगे |
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बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ उद्देश्य: Beti Bachao Beti padhao objectives
इस देश के आजादी के इतने साल बाद भी बेटियों के प्रति लोगों की सोच अभी तक नहीं बदली है। इस सोच के कारण इस देश की प्रगति पर बहुत बुरा असर पड़ता है। लड़कियों का लड़को के मुकाबले तेजी से गिरता लिंगानुपात, लड़कों का लड़कियों से ज्यादा पढ़ा लिखा होना और लड़कियों का कम पढ़ा लिखा होना या बिलकुल अनपढ़ होना।
एक बड़ी समस्या है जिस कारण भारत सरकार ने इस ओर ध्यान देते हुए बेटी बचाओ बेटी पढाओ अभियान की शुरुवात की है। इस अभियान का उदेश्य बेटियों के प्रति सकारत्मक सोच को बढ़ावा देना और उनके अधिकार की रक्षा करना है।
- इस अभियान बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ में हर लड़की को शिक्षा का सामान अधिकार और शिक्षा के लिए उसको प्रेरित करना। इस अभियान के तहत लड़कियों को सशक्तिकरण करना है।
- इस अभियान के तहत युवाओं को इस प्रकार की शिक्षा देना है ताकि वो महिलाओ के समान अधिकार की बात करे।
- बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान योजना में बालिकाओ के गिरते लिंगानुपात के लिए जरुरी कदम उठाना है।
- इस अभियान BBBP (beti bachao beti padhao) में लड़कियों की भ्रूण हत्या को रोकना है।
- बालिकाओं को शोषण से बचाने के लिए उन्हें सही गलत के बारे में बताना।
- इस अभियान में स्थानीय समुदाय / महिलाओं / युवाओं के समूहों के साथ भागीदारी में पंचायती राज संस्थानों / शहरी स्थानीय निकायों / श्रमिकों को सामाजिक परिवर्तन के लिए प्रशिक्षित करना है।
बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना की पात्रता: Eligibility for Beti Bachao Beti Padhao Scheme
इस योजना का लाभ उठाने के लिए कुछ मुख्य बिंदु का होना आवश्यक है निचे दिया गया है।
- इस योजना में आवेदन करने के लिए कन्या की आयु 10 वर्ष होनी चाहिए।
- उस कन्या के नाम पर सुकन्या समृद्धि अकाउंट खुला होना चाहिए।
- कन्या भारत के किसी भी क्षेत्र की स्थाई निवासी होनी चाहिए।
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Beti Bachao Beti Padhao Scheme के जरूरी दस्तावेज़
- बेटी का आधार कार्ड
- कन्या के माता पिता का पहचान पत्र
- बालिका का जन्म प्रमाण पत्र
- कन्या के माता या पिता का मोबाइल नंबर
- बालिका का निवास प्रमाण पत्र
- बेटी का पासपोर्ट साइज फोटो
बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना में आवेदन कैसे करे?: How to apply for Beti Bachao Beti Padhao Scheme?
जो भी इच्छुक लाभार्थी इस Beti Bachao Beti Padhao Scheme के तहत ऑनलाइन आवेदन करना चाहते है और इस योजना का लाभ उठाना चाहते है वह नीचे दिए गए तरीके को फॉलो कर सकते है।
- आपको सबसे पहले महिला और बाल विकास मंत्रालय की Official Website पर जाना होगा |
- इसके होमपेज पर आपको Women Empowerment Scheme का ऑप्शन दिखाई देगा। आपको इस ऑप्शन पर क्लिक करना है।

- इसके बाद आपको आपके सामने एक पेज दिखेगा। इस पेज पर आपको Beti Bachao Beti Padhao Yojana का ऑप्शन दिखेगा उस पर क्लिक करना है।
- Beti Bachao Beti Padhao Yojana के ऑप्शन पर क्लिक करने के बाद आपको एक नया पेज दिखेगा। इसमें आप विस्तार पूर्वक सूचना पढ़े और बताए अनुसार आवेदन करने की प्रक्रिया का पालन करे।
और यदि आप ऑनलाइन नहीं कर पा रहे है तो कोई बात नहीं आप इस प्रक्रिया को ऑफलाइन भी कर सकते है।
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BBBP Yojana में ऑफलाइन आवेदन कैसे करे?: How to apply offline in BBBP Yojana?
- BBBP Yojana में ऑफलाइन आवेदन करने के लिए आपको अपने नज़दीकी बैंक में या पोस्ट ऑफिस में अपने सभी दस्तावेज़ों को लेकर जाना होगा। और वहां से आपको अकाउंट खुलवाने के लिए एप्लीकेशन फॉर्म लेना होगा।
- इस फॉर्म में दिए गए सभी जानकारियों को भर कर फॉर्म के साथ सभी दस्तावेज़ों को अटैच करके बैंक या पोस्ट ऑफिस में जमा करना होगा।
और बड़ी आसानी से आपका अकॉउंट खुल जायेगा और आप इस योजना का लाभ ले पाएंगे।
बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ के लिए लक्ष्य: Goal for Beti Bachao Beti Padhao
- इस अभियान के तहत बालिका जन्म अनुपात में सुधार महत्वपूर्ण जिलों में एक वर्ष में 2 अंक का सुधार का लक्ष।
- इस अभियान के तहत चयनित जिलों में हर स्कूल में लड़कियों के लिए शौचालय प्रदान करना।
- इस अभियान का लक्ष है माध्यमिक शिक्षा में लड़कियों का नामांकन 82% तक बढ़ाना।
- कन्या भ्रूण हत्या को रोकना क्योकि बालिकाओं के लिंग अनुपात में लगातार गिरावट आ रही है। 1991 में हर 1000 लड़कों की तुलना में 945 लड़कियाँ थीं। वहीं 2011 में यह संख्या गिर कर 918 तक पहुंच गयी है जो बहुत चिंताजनक बात है।
- इस अभियान बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना का सबसे बड़ा उद्देश्य लोगों की मानसिकता में बदलाव लाना है।
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बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान की आवश्यकता क्यों पड़ी: Why the need for Beti Bachao Beti Padhao campaign was needed:
- बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान की अव्यस्क्यत इसलिए पड़ी क्योकि भारत के बहुत से हिस्सों में बेटियों को बेटों से कमतर माना जाता है।
- जबकि बेटियां बेटों के मुकाबले बहुत होशियार होती है। अपने माँ बाप की आज्ञाकरी होती है। एक कन्या अपने जीवन के सभी भूमिकाओं माता, पत्नी, बेटी, बहन सभी रिश्तों को अच्छे से निभाती है।
- एक बेटा जिसे इतने लाड प्यार से पाला जाता है और वही बेटा उस माता पिता को घर से बाहर निकाल देता है। ऐसी हजारों कहानिया मिल जाएगी जिसे आप रोज सुनते ही होंगे। लेकिन एक बेटी अपने माँ बाप का ख्याल रखती है फिर भी उन्हें लड़कों से कमतर समझते है।
- हमारे समाज के लोगों की मानसिकता इस कदर भ्रष्ट हो गई है की वे बेटे और बेटियों में भेदभाव करने लगे है। जब एक बेटा जन्म लेता है तो लोग ख़ुशी के मारे पुरे मोहल्ले में मिठाई बंटवाते है उनकी ख़ुशी का ठिकाना नहीं होता वही यदि बेटी का जन्म होता है तो पुरे घर में मातम पसर जाता है जैसे कि कोई आपदा या विपदा आ गई हो।
- लोग बेटियों को पराया धन मानते हैं क्योंकि एक दिन बेटियों को शादी करके दूसरे घर जाना होता है। इन्हे पढ़ा कर पैसे बर्बाद करने से क्या फायदा बस यही सोच उन्हें बेटियों को पढ़ने लिखने से रोकती है।
- भारत के कई हिस्सों में लड़कियों को घर से बाहर निकलने तक की मनाही होती है। जबकि बेटों को खूब लाड-प्यार किया जाता है और उनकी शिक्षा के लिए उन्हे देश-विदेश तक भेजा जाता है।
- बेटों को हद से ज्यादा छूट दी जाती है। लोगों की मानशिकता में ये बात घुसी हुई है की बेटे हमारे बुढ़ापे का सहारा बनेंगे और हमारी सेवा करेंगे पर ये बात आप भी जानते है ये सोच किसी मूर्खता से कम नहीं है।
- इस मानसिकता ने इस बात को और भी डरावना बना दिया है क्योकि बच्चों के लिंग अनुपात (सीएसआर), जो 0-6 वर्ष आयु के प्रति 1000 लड़कों के तुलना लड़कियों की संख्या से निर्धारित होता है।
- हमारे देश की पहली जनगणना 1951 में हुई थी जब हमारे देश को आज़ाद हुए कुछ ही वर्ष हुए थे। इस जनगणना में 1000 लड़कों पर सिर्फ 945 लड़कियां ही थी लेकिन आज़ादी के बाद ये स्थिति और भी ख़राब हो गयी है।
वर्ष लिंगानुपात प्रति 1000 युवको पर लड़किया
1991 – 945
2001 – 927
2011 – 918
- इस मानसिकता के कारण ही बेटियों की जनसंख्या में कमी होने लगी है क्योकि बेटियों के जन्म से पहले ही गर्भ में ही मारे जाने लगी है।अंतर्राष्ट्रीय संस्था यूनिसेफ की एक रिपोर्ट के अनुसार भारत में करीब 5 करोड़ लड़कियों की कमी है लड़कों के मुकाबले।
- इसलिए इस आपदा से निपटने के लिए हमारे देश के माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बेटियों की सुरक्षा और बेटियों की शिक्षा दीक्षा के लिए एक नई योजना का प्रारंभ किया जिसका नाम बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ रखा गया।