Global Warming In Hindi: वर्त्तमान में मनुष्य दिन प्रतिदिन कई नई तकनीकों को विकसित कर रहा है। अपने इस विकास के लिए प्रकृति के साथ कई प्रकार से खिलवाड़ कर रहा है, इसलिए प्रकृति का संतुलन बिगड़ रहा है।
ग्लोबल वार्मिंग पूरी दुनिया के लिए एक बड़ी समस्या है। सूर्य के प्रकाश से हमारी पृथ्वी दिन-ब-दिन गर्म होती जा रही है, इसलिए हमारे वातावरण में कार्बन डाइऑक्साइड CO2 का स्तर बहुत तेजी से बढ़ रहा है। ग्लोबल वार्मिंग की समस्या केवल मनुष्यो को ही नहीं वल्कि धरती पर रहने वाले सभी जीवों को नुकसान पहुंचा रही है।
आज हम इस लेख Global Warming In Hindi में, आज हम भूमंडलीय ऊष्मीकरण या ग्लोबल वार्मिंग के विषय पर महत्वपूर्ण जानकारी को आपसे साझा करेंगे। भूमंडलीय ऊष्मीकरण या Global Warming एक ऐसा विषय है, जिस पर लोगों का ध्यान जाना बहुत आवश्यक है क्योकि ये एक बहुत बड़ी समस्या है।
covid-19 से भी बड़ी समस्या है, यदि सही समय पर इस समस्या पर ध्यान नहीं दिया गया तो बहुत देर हो जाएगी। आज हम इस ब्लॉग में ग्लोबल वार्मिंग के बारे में जानेंगे की किस प्रकार से ग्लोबल वार्मिंग होता है। इसके क्या कारण है? और क्या समाधान है।
आपका ज़्यादा समय न लेते हुए शुरू करते है आजका हमारा ब्लॉग Global Warming In Hindi
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ग्लोबल वार्मिंग क्या है – What is Global Warming in Hindi
सरल शब्दों में, About global warming in hindi ग्लोबल वार्मिंग का अर्थ है ‘पृथ्वी के तापमान में वृद्धि और इसके कारण जलवायु में परिवर्तन‘ पृथ्वी के तापमान में इस वृद्धि के परिणामस्वरूप वर्षा के पैटर्न में परिवर्तन, ग्लेशियरों के पिघलने, समुद्र के स्तर में वृद्धि और वनस्पतियों और जीवों पर इसके प्रभाव देखने को मिलता है।
हमारी पृथ्वी लगातार गर्म हो रही है। पिछले 100 बर्षो से, हमारी पृथ्वी की ज़मीन और इसके महासागर बहुत तेजी से गर्म हो रहे हैं। पृथ्वी की इस बढ़ती हुई गर्मी को ग्लोबल वार्मिंग कहते हैं। इस ग्लोबल वार्मिंग को हम जलवायु परिवर्तन (climate change) के रूप में भी जानते हैं।
ग्लोबल वार्मिंग की परिभाषा: Global Warming meaning in hindi
ग्रीनहाउस गैसों (Green House Gas) के कारण पृथ्वी की सतह के औसत तापमान में वृद्धि को ग्लोबल वार्मिंग कहा जाता है। जब जीवाश्म ईंधन के जलने से कार्बन डाइऑक्साइड निकलता है या पेड़ों को काटा जाता है, तो ग्रीनहाउस प्रभाव पृथ्वी से निकलने वाली गर्मी को पृथ्वी में ही कैद कर लेता है। जीससे पृथ्वी का तापमान बढ़ जाता है।
ग्लोबल वार्मिंग की समस्या वातावरण में कार्बन डाइऑक्साइड की अधिकता के कारण होती है, जो हमारे पृथ्वी से गर्मी को बाहर नहीं जाने देती, यह एक चादर की तरह काम करती है, जो सारी गर्मी को पृथ्वी के अंदर और बाहर फंसा कर रखती है।
ग्लोबल वार्मिंग कारण – Causes of Global warming in Hindi
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Global Warming In Hindi | ग्लोबल वार्मिंग क्या है |
ग्रीन हाउस गैस: Greenhouse effect and global warming in Hindi
ग्रीन हाउस गैसें जलवायु परिवर्तन के लिए सबसे अधिक जिम्मेदार है। यदि आपको ये नहीं पता है की Green gas क्या होती है, तो मैं आपको बता देता हु। ग्रीन हाउस गैसें वे गैसें होती हैं, जो सूर्य से आ रही गर्मी को अपने अंदर ही सोख लेती हैं।
इन गैसों में सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण गैस कार्बन डाइऑक्साइड है, ये गैसें हम जीवित प्राणी अपनी सांस के साथ छोड़ते हैं। और दूसरी ग्रीनहाउस गैस – नाइट्रोजन ऑक्साइड, CFCs क्लोरिन और ब्रोमाईन कम्पाउंड आदि है।
ये सभी गैसें हमारे वातावरण में मिल जाती है और हमारे वातावरण के रेडियोएक्टिव संतुलन को बिगाड़ते हैं। और ग्लोबल वार्मिंग को बढ़ाते है।
जीवाश्म ईंधन जलाना – Burning Fossil Fuel
कुछ दशकों से इंसानो ने बहुत तरक्की की है। इंसानो ने ऐसे ऐसे अविष्कार किये है जो वाकई में यदि येअविष्कार न होते तो शायद इंसान इतना विकसित न होता। इन अविष्कारों में Tv, Refregiretor, AC और यातायात के साधन जैसे अविष्कार शामिल है।
इन इक्विपमेंट में बिजली का इस्तेमाल होता है। और बिजली बनाने के लिए हम जीवाश्म ईंधन (Fossil Fuel) जैसे कोयला का इस्तेमाल करते है। जिससे बहुत मात्रा में CO2 बनाते हैं और अपने पर्यावरण में फैला देते हैं।
पुरे विश्व में एकमात्र ऑस्ट्रेलिया ऐसा देश है जो दूसरे सभी देशों की तुलना में सबसे ज्यादा CO2 का उत्पादन करते हैं.
प्रदूषण: Pollution
Global warming की समस्या को बढ़ाने में प्रदूषण भी एक बड़ा कारण है।
प्रदूषण कई प्रकार के होते है – वायु प्रदूषण, जल प्रदूषण, भूमि प्रदूषण, ध्वनि प्रदूषण।
इन प्रदूषणों के कारण हमारे वायुमंडल (Atmospher) में कई तरह की गैसें बनती जा रही है। इस प्रकार की गैसें ही तापमान वृद्धि का मुख्य कारण है।
जंगलों की कटाई : Cutting of forests
इंसान अपनी सुविधा के लिए जंगलों की कटाई करते हैं, ये कार्य चाहे वो खेती करने, लकड़ियों को काटकर बेचने, शहर बसाने या फिर उद्दोगों के लिए करे। ग्लोबल वार्मिंग के लिए इंसान खुद न्योता देता है।
ये पेड़ पौधे कार्बन डाई ऑक्साइड (CO2) को लेते है और ऑक्सीजन (O2) छोड़ते है जिससे हम वो ऑक्सीजन ग्रहण करते है। लेकिन अत्यधिक मात्रा में पेड़ों की कटाई से कार्बन डाई ऑक्साइड की मात्रा बढ़ रही है और ऑक्सीजन की मात्रा कम हो रही है।
और ग्लोबल वार्मिंग की समस्या बढ़ रही है। इसलिए इंसानो को यानि हम सबको पेड़ो को काटने से बचना चाहिए और ज़्यदा से ज्यादा पेड़ लगाने चाहिए।
ओजोन परत का पतला होना: Ozone layer thinning
कार्बन डाइऑक्साइड (Co2) हमारे पृथ्वी के पूरे वातावरण में फैल रहा है, जिसके कारण ओजोन परत (ozone layer) पतली होती जा रही है और कई जगह पर इसमें छेद भी हो गए हैं।
ओजोन परत सूर्य से आ रही पराबैगनी किरणों (Ultraviolet Rays) को पृथ्वी पर आने से रोकती है। सूर्य की पराबैंगनी किरणें इंसानों पर पड़ने से त्वचा संबंधी बीमारियां होती है। जिनमें त्वचा का कैंसर (Cancer) बहुत ही आम है।
सूर्य की अल्ट्रा वॉइलेट किरणें जीवमंडल में प्रवेश कर जाती है तो ग्रीनहाउस गैसों के द्वारा ऊन किरणों के ख़तरनाक तत्वों को सोख लेती है जिससे ग्लोबल वार्मिंग में बढ़ौतरी होती है।
सिंचाई में उर्वरक और कीटनाशक का उपयोग: Use of fertilizers and pesticides in irrigation
किसान अपने खेतों में फसलों को कीड़ों से बचाने के लिए उर्वरको और कीटनाशकों का उपोग करते है।
और ये कीटनाशक पर्यावरण के लिए बहुत हानिकारक है। ये केमिकल केवल मिट्टी को ही प्रदूषित नहीं करते बल्कि ये पर्यावरण में कार्बन डाइऑक्साइड, मीथेन और नाइट्रस ऑक्साइड जैसी गैसों को छोड़ते हैं जो ग्लोबल वार्मिंग का कारण है।
औद्योगिक के कारण – Due to industrial
जब से औधोगिक क्रांति आयी है तब से कारखानों की होड़ सी मच चुकी है। आज आप कहीं भी जाईये आपको 2-4 फैक्टरी देखने को मिल जाएगी।
फैक्ट्रियों में खतरनाक केमिकल का इस्तेमाल होता है। जिससे ग्रीन हाउस गैस बड़ी मात्रा में निकलते है और ग्लोबल वार्मिंग होता है।
यातायात प्रदुषण – Vehicles Gas Emmission
21वीं सदी में गाड़ियों का प्रचलन बहुत तेजी से बढ़ा है। गाड़ियों से निकलने वाली धुंआ बहुत ही जहरीला है और यह वायु प्रदूषण का बहुत बड़ा कारण है। गाड़ियों का इस्तेमाल ज्यादातर शहरी इलाकों में होता है और यहां वायु प्रदूषण गांव की तुलना में अधिक रहता है। ये कारण भी ग्लोबल वार्मिंग के लिए जिम्मेदार है।
जनसंख्या में वृद्धि: Increase in population
इन दिनों जनसंख्या में बहुत तेजी से बढ़ोतरी देखी जा रही है। इंसानों द्वारा प्राकृतिक चीजों का अंधाधुन उपयोग किया जा रहा है। इतनी अधिक जनसंख्या के आगे आवास की समस्या उत्पन्न हो गई है।
जिस कारण लोग जंगलों की अंधाधुंध कटाई करते हैं ताकि अपनी बस्ती वहां बसा सके। ग्लोबल वार्मिंग से लड़ने का एकमात्र हथियार पेड़ पौधे हैं। जिसे इंसान खुद ही खत्म करता जा रहा है जिसका वायुमंडल (Atmosphere) पर बहुत बुरा असर पड़ रहा है। इस कारण भी ग्लोबल वार्मिंग होता है।
ग्लोबल वार्मिंग के प्रभाव – Effects of Global warming in Hindi
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Global Warming In Hindi | ग्लोबल वार्मिंग क्या है |
इस ग्लोबल वार्मिंग या भूमंडलीय ऊष्मीकरण की वजह से हमारी पृथ्वी पर बहुत बुरे परिणाम देखने को मिल रहे हैं। बीते कुछ दशकों से पृथ्वी का तापमान 1डिग्री सेल्सियस बढ़ चूका है। ये आंकड़े आपको देखने में बहुत मामूली लग रहे होंगे। लेकिन हमारी पृथ्वी के तापमान में छोटा सा बदलाव भी जलवायु में काफी बड़े बदलाव का कारण बन जाता है।
आइये अब हम जानते है की ग्लोबल वार्मिंग के कारण क्या – क्या प्रभाव पड़ता है? और अब इंसान इस प्रभाव को महसूस करने लगा है।
तापमान में बढ़ोतरी: Temperature rise
पिछले कुछ दसक से हमारी पृथ्वी के तापमान में वृद्धि हो रही है। जिससे पृथ्वी के सभी जीव जन्तुओ पर इसका सीधा असर हो रहा है। तापमान बृद्धि से प्राकृतिक तूफान बहुत ज्यादा शक्तिशाली हो रहे है।
मौसम में बदलाव: Change in weather
ग्वार्मिंग के कारण हमारे मौसम में बदलाव आ रहे हैं।जैसे गर्मी के मौसम में बढ़ौतरी हो रही है, ठंडी के मौसम में कमी आ रही है, वायु-चक्रण में बदलाव, बिन मौसम बरसात हो रही है, ग्लेशियर का पिघलना, ओजोन परत में छेद हो रहे हैं, भयंकर तूफान का आना, चक्रवात, बाढ़, सूखा आदि जैसे बदलाव आ रहे हैं।
जीव जंतुओं पर ग्लोबल वार्मिंग के प्रभाव: Effects of global warming on fauna
इस ग्लोबल वार्मिंग की वजह से पृथ्वी पर रेगिस्तान का विस्तार होने के साथ-साथ पशु-पक्षियों की कई प्रजातियाँ भी तेजी से विलुप्त हो रही हैं।
ओजोन परत का कमजोर होना: Weakening of the ozone layer
इस ग्लोबल वार्मिंग के बढने के कारण आक्सीजन की मात्रा भी कम होती जा रही है जिसकी वजह से ओजोन परत पतली होती जा रही है। और अंटार्कटिका में ओजोन परत में छेद देखा गया है।
हेल्थ से जुड़ी समस्या: Health problem
ग्लोबल वॉर्मिंग के कारण इंसानों को हेल्थ से जुड़ी कई परेशानियां हो सकती है। स्किन से जुड़ी कई बीमारियां हो सकती है। इंसान यदि अभी भी नहीं समझे तो बहुत बुरे परिणाम देखने को मिल सकते हैं। कार्बन डाइऑक्साइड के अत्यधिक उत्सर्जन से कैंसर जैसी घातक बीमारियां हो सकती हैं।
ग्लोबल वॉर्मिंग के रोकथाम के उपाय: Global warming prevention measures
जागरुकता अभियान: Awareness campaign for global warming
आज के समय में लोग बिलकुल भी जागरूक नहीं है ग्लोबल वार्मिंग को लेकर, जबकि ये बहुत बड़ी समस्या है। कोरोना से भी बड़ी समस्या है। इसलिए लोगो को जागरूक करने के लिए सभी देशों की सरकारों को व्यापक रूप से ग्लोबल वार्मिंग जागरूकता अभियान चलाना चाहिए। ताकि लोग इस बारे में जागरूक हो सके।
कार्बन डाईऑक्साइड गैस का उत्सर्जन: Carbon dioxide gas emissions
दुनिया में वाहनों और उधोगो में बहुत सारे ग्रीन हाउस गैसों को वायु में छोरा जाता है। जिससे ग्लोबल वार्मिंग होता है। इसलिए हमें गाड़ियों का काम इस्तेमाल करना चाहिए हो सके तो पब्लिक ट्रांसपोर्ट का उसे करना चाहिए।
ओजोन परत को हानि पहुंचाने वाली वस्तुओं पर प्रतिबंध: Restrictions on ozone-depleting substances
जितनी भी वस्तुए जो ओज़ोन परत हो नुकसान पहुँचती है उनपर बैन लगा देना चाहिए या कम से कम उन वस्तओं का इस्तेमाल कम कर देना चाइये।
फ्रिज , AC जैसे मशीन जो अत्यधिक मात्रा में CFC गैसें छोड़ती है जिससे हमारा वायुमंडल गर्म होता है। उनक इस्तेमाल बहुत काम कर देना चाहिए।
पेड़ों की कटाई पर प्रतिबंध: Ban on felling of trees
पेड़ पौधे जो वायुमंडल में Co2 जैसी ग्रीन हाउस गैसों को अबशोषित करती है, और जो एकमात्र तरीका है हमारे वायुमंडल से इन गैसों को कम करने का। लेकिन इंसान इन पेड़ों को ही बड़ी तेजी से काट रहा है। जिससे हमारे वायुमंडल में ऑक्सीजन की कमी हो गयी है और Co2 की मात्रा बढ़ गयी है।
पेड़ों को लगा कर हम इस समस्या से लड़ सकते है। जिसमे पृथ्वी के सभी लोगो को इसके लिए जागरूक होना पड़ेगा।
विकास की होड़: Development race
ऊँची ऊँची इमारतें, सड़के सफलता के बेहतर अवसर ये है विकास। जब से लोग सेहरों की और आकर्षित होने लगे है। तब से ग्लोबल वार्मिंग की समस्या बढ़ी है। अब आप सोचेंगे की मैं क्या बकबास करने लगा हु।
जी हाँ दोस्तों पुरे विश्व में सेहरों की संख्या 30 प्रतिशत है और गांव की सांख्य 70 प्रतिशत है। लेकिंग ऊर्जा की खपत में शहर गांव की तुलना में बहुत आगे है। वाहनों का अत्यधिक मात्रा में इस्तेमाल जिससे ग्लोबल वार्मिंग होते है। विकास जरूरी है पर जीवन भी जरूरी है।
ऊर्जा की खपत को कम करके: By reducing energy consumption
ग्लोबल वार्मिंग सबसे जयदा बिजली के उत्पादन में ही होता है। इसलिए हमें कम से कम बिजली वाली बस्तुओं को इस्तेमाल करना चाहिए। जितना हो सके उतना काम बल्ब का इस्तेमाल करना चाहिए। सौर ऊर्जा का इस्तेमाल को बढ़ावा देना चाहिए।
संक्षिप्त में।
ग्लोबल वार्मिंग इंसानों द्वारा निर्मित किया गया समस्या है। हमारे वातावरण (environment) में Co2 गैस 8 लाख बर्ष के इतिहास में जितना नहीं था उतना अभी के समय में हमारे वातावरण में मौजूद है।
और ऑक्सीजन की मात्रा भी बहुत कम होती जा रही है और ये समस्या बहुत बड़ी है। जिसके लिए हमें बहुत जयदा ध्यान देना जरूरी है। पेड़ को जयदा से ज्यादा लगाना चाहिए।
ग्लोबल वार्मिंग को कम करने के लिए हमें प्रयत्न करना चाहिए ताकि ग्लोबल वार्मिंग को कम कर सके।
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