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Madhubala, Biography, Family, Age, Career, Films, Husband, Death Cause, Facts
Madhubala biography in hindi: मधुबाला भारतीय हिंदी सिनेमा में एक ऐसा नाम है, जिन्होंने बॉलीवुड को सवारने में अपनी उम्र लगा दी। इन्होने अपनी एक अलग पहचान बनाई है हिंदी सिनेमा में, मधुबाला फिल्म ‘मुग़ल ए आज़म’ में अनारकली का किरदार निभाने के बाद अपने अनारकली के किरदार के रूप में लोगों के नजरों में बस गयी।
मधुबाला के अभिनय में एक आदर्श नारी को देखा जा सकता है, जिस कारण लोग उन्हें चाहते थे।
मधुबाला यक़ीनन बहुत खूबसूरत और एक महान अभिनेत्री थी। मधुबाला ने अपने फ़िल्मी करियर में साल 1942 से 1960 के बीच एक से बढ़कर एक फ़िल्में दी है। मधुबाला को कई उपनामो से जाना जाता है जैसे ‘वीनस ऑफ़ इंडियन सिनेमा’ तथा ‘द ब्यूटी ऑफ़ ट्रेजेडी’ आदि।
इनकी बहुत सारी फिल्मे सुपर हिट रही जिनमे महल, अमर, मि. एंड मिस 55, बरसात की रात, मुग़ल ए आज़म आदि फ़िल्मों में अपनी दमदार भुमिका निभायी है। मधुबाला के अभिनय काल को भारतीय सिनेमा में स्वर्ण युग कहा जाता है।
आज मैं आपको भारतीय सिनेमा की बहुत ही लोकप्रिय अभिनेत्री मधुबाला की जीवनी | Madhubala biography बताने बाला हु। तो चलिए शुरू करते है।
Madhubala Biography In Short
Full Name | Begum Mumtaz Jehan Dehlavi / Madhubala |
Nick Name | Venus Queen |
Birth Place | Delhi, British India |
Date Of Birth | 14 February 1933 |
Age | 36 |
Father | Attaullah Khan |
Mother | Ayesha Begum, Mumtaz Jehan |
Gender | Female |
Profession | Indian film Actress |
Debut | Film Basant 1942 |
Husband | Kishor Kumar |
Date Of Death | 23 February 1969 |
Place of Death | Bombay, Maharashtra, India |
Death Cause | Ventricular Septal Defect (VSD) (Hole in the heart) |
Citizenship | Indian |
Religion | Muslim |
Affairs/ Boyfriends | Dilip Kumar |
मधुबाला की जीवनी – Madhubala Biography in Hindi
मधुबाला का जन्म दिल्ली में 14 फरवरी 1933 को एक पश्तून मुस्लिम परिवार मे हुआ था। मधुबाला के बचपन का नाम मुमताज़ जेहान देहलवी था। मधुबाला के वालिद का नाम अताउल्लाह खान तथा वालिदैन का नाम आयशा बेग़म था।
इनके वालिद पाकिस्तान के खैबर पखतून्ख्वा के रहने वाले थे। मधुबाला के पिता के 11 बच्चे थे जिनमे से ये उनकी पांचवी संतान थी। इनके पिता अताउल्लाह खान पेशावर स्थित एक तम्बाकू फैक्ट्री में काम करते थे।
लेकिन जब इनकी ये नौकरी नहीं रही तब इनके पिता पहले दिल्ली और फिर मुंबई चले गए , जहाँ पर मधुबाला का जन्म हुआ।
ऐसा कहा जाता है की किसी भविष्य बताने वाले ने ये बताया था की मुमताज़ अपनी जिंदगी में बहुत प्रसिद्ध होगी धन दौलत बहुत कमाएगी लेकिन पूरी उम्र नहीं जी पायेगी।
इसके बाद इनके पिता ने मुंबई में ही रहने का फैसला किया। लेकिन मधुबाला के परिवार के लिए ये समय बहुत ख़राब था।
1944 में मधुबाला के परिवार के तीन बहने और दो भाई ‘डॉक एक्सप्लोजन’ में मारे गये। साथ ही साथ इनका घर जल कर राख हो गया, बांकी लोग केवल इसलिए बच पाए क्योकि वे किसी लोकल सिनेमा में फ़िल्म देखने गये थे
इस हादसे में बचने वालों में मुमताज़ की छः बहने और माँ- पिता थे। ये समय इनके परिवार के लिए बहुत बुरा गुजर रहा था, अपनी इस परेशानियों से निकलने के लिए इनके पिता मुमताज को महज 9 साल की उम्र में बॉम्बे के विभिन्न फ़िल्म स्टूडियो में लेकर जाने लगे, मुमताज यानि मधुबाला को काम भी मिलने लगा और परिवार को ग़रीबी से थोड़ी सी राहत मिली।
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मधुबाला का शुरूआती करियर (Madhubala career)
मधुबाला महज 9 साल की उम्र से ही फिल्मों में काम करने लगी थी। इनकी पहली सफल फिल्म साल 1942 में आई बसंत थी। बसंत फिल्म बहुत प्रसिद्ध हुई इसी फिल्म से इन्हे पहचाना जाने लगा। इस फिल्म में इनके अभिनय को देखकर उस समय की जानी मानी अभिनेत्री देविका रानी मधुबाला के अभिनय से बहुत ही प्रभावित थीं।
देविका रानी ने ही मुमताज़ देहलवी को मधुबाला के स्क्रीननेम से काम करने की सलाह दी।
मधुबाला को ‘नील कमल’ में महज़ चौदह साल की उम्र में राज कपूर के साथ कास्ट किया गया। ‘नील कमल’ फिल्म 1947 में रिलीज़ हुई थी जिसमे इनका नाम मुमताज़ आखिरी बार इस्तेमाल हुआ था , इसके बाद आने वाली सभी फ़िल्मों में इनका स्क्रीननेम मधुबाला ही रहा। इस फिल्म के बाद मधुबाला को ‘वीनस ऑफ़ इंडियन सिनेमा’ बुलाया जाने लगा।
मधुबाला के करियर में सबसे अच्छा समय तब आया जब 1949 में इन्हें बॉम्बे टॉकीज बैनर तले बनी फ़िल्म ‘महल’ मिला। इस फिल्म में पहले मशहूर अभिनेत्री सुरैया को चुना गया था। लेकिन इस फिल्म की स्क्रीनटेस्ट के दौरान फिल्म निर्देशक कमाल अमरोही को मधुबाला ज्यादा अच्छी लगी और मधुबाला को ये रोले दे दिया गया।
महल फिल्म इस साल भारतीय सिनेमा के बॉक्स ऑफिस पर तीसरी सफ़ल फ़िल्म थी। इस फिल्म का गाना ‘आयेगा आनेवाला‘ लोगों ने बहुत पसन्द किया। इस गाने को गायिका लता मंगेश्कर ने अपनी आवाज दी थी।
इस फिल्म की सफलता के बाद मधुबाला ने फिर पीछे मुड़ कर नहीं देखा।
महल के बाद मधुबाला की दुलारी, बेक़सूर, तराना तथा बादल आदि फ़िल्में एक के बाद एक सफ़ल साबित हुईं।मधुबाला उस समय के मशहूर अभिनेता अशोक कुमार, राजकुमार, रहमान, दिलीप कुमार, सुनील दत्त, शम्मी कपूर, देव आनंद आदि के साथ एक के बाद एक फिल्म करती रही और सफल होती रही।
मधुबाला अभिनेता के अलावा उस समय की मशहूर अभिनेत्री गीता बाली, सुरैया, निम्मी के साथ भी काम किया।
मधुबाला अभिनय करने के अलावा 1955 में फ़िल्म ‘नाता’ तथा वर्ष 1960 में फिल्म ‘महलों के ख्वाब’ की निर्माता भी रहीं। ‘महलों के ख्वाब’ फिल्म में मधुबाला ने निर्माता के अलावा अभिनय भी किया।
1950 में आयी फिल्म ‘हँसते आंसू’ ऐसी फिल्म बनी जिसने पहली बार भारतीय फ़िल्म बोर्ड द्वारा A सर्टिफिकेट दिलवाया।
1950 के दौरान उनकी कुछ फिल्मे फ्लॉप हो रही थी जिस कारण आलोचक कहने लगे की उनकी फिल्मे केवल उनकी खूबसूरती के कारन सफल होती है।
लेकिन उनकी फिल्म के असफल होने का कारण उनके पिता द्वारा गलत फिल्म का चुनाव था। उस समय उनके पिता ही उनके मैनेजर थे। मधुबाला अपने परिवार की ऐसी सदस्य थी जिनकी कमाई पर पूरा परिवार चलता था, जिस कारण उनके पिता गलत फिल्म का चुनाव कर लेते थे।
लेकिन इन्होने फिर से अपने आपको साबित किया। 1954 में आयी महबूब खान द्वारा निर्देशित फिल्म ‘अमर’ बहुत सफल रही। इसके बाद उनकी चार फिल्मे आयी फ़ागुन, हावरा ब्रिज, काला पानी और चलती का नाम गाडी जो सुपरहिट रही।
मधुबाला मुग़ल-ए-आज़म में (Madhubala film mughal-e-Azam)
मधुबाला की सबसे सफल फिल्म मुग़ल-ए-आज़म को माना जाता है। मुग़ल-ए-आज़म फिल्म ने बहुत सारे नए रिकॉर्ड बनाये थे, इस फिल्म में काम करना मधुबाला के लिए बहुत अच्छा फैसला साबित हुआ। मधुबाला ने इस फिल्म के लिए बहुत मेहनत की जिस कारन लोग आज भी इनके अभिनय को याद करते है।
मुग़ल-ए-आज़म ही वो फिल्म है जिसमे मधुबाला का स्वास्थ लगातार बिगड़ रहा था। क्योकि इस फिल्म के सूटिंग के दौरान मधुबाला को जंजीर में लगातार कई घंटों तक बंधे रहना पड़ता था। लेकिन इनके काम में कोई भी कमी नहीं आती थी।
मुग़ल-ए-आज़म फिल्म 1960 में 10 साल की कड़ी मेहनत के बाद फिल्म बनकर तैयार हुई। और जब ये फिल्म रिलीज़ हुई तब इस फिल्म ने कई सारे नए रिकॉर्ड बनाये। इस फिल्म ने 15 साल तक रिकॉर्ड को अपने नाम बनाये रखा पिछले 14 वर्ष में बहुत सारे अभिनेता की फिल्म आयी मगर इसको पीछे न कर सकी।
अमिताभ बच्चन की आई फ़िल्म ‘शोले’ जो 1975 में रिलीज़ हुई थी जो इस फिल्म के रिकॉर्ड को छूने में कामयाब हो सकी।
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दिलीप कुमार और मधुबाला की प्रेम कहानी (Madhubala and Dilip Kumar)
मधुबाला के जीवन में कई उतार चढाव आये लेकिन इन्होने हार नहीं मानी और अपने जीवन में लगातार सफलता हांसिल करती गयी। अब हम जानते है की दिलीप कुमार के साथ इनका क्या सम्बन्ध था।
1944 में फ़िल्म ‘ज्वार भाटा’ के सेट पर दिलीप कुमार और मधुबाला एक दूसरे से पहली बार मिले थे। पहली बार में ही मधुबाला ने अपना दिल दिलीप कुमार पर हार गयी थी जब वे केवल 17 बर्ष की थी और दिलीप कुमार 29 वर्ष के थे।
फिल्म ‘तराना’ के सूटिंग के दौरान इनका ये रिश्ता धीरे धीरे मजबूत हो रहा था, और ये रिश्ता और भी मजबूत हुआ जब मुग़ल-ए-आज़म फिल्म की सूटिंग 9 वर्ष तक हुई।
शादी की बात करें तो ऐसा माना जाता है की दिलीप कुमार ने ये शादी करने से मना कर दिया था। और ऐसा भी माना जाता है की मधुबाला के पिता अताउल्लाह खान इस रिश्ते से खुश नहीं थे। इसलिए मधुबाला दिलीप कुमार से शादी नहीं कर सकी।
मधुबाला की शादी: Madhubala marriage
मधुबाला ने 1960 में किशोर कुमार से शादी कर ली। इसके लिए किशोर कुमार ने अपना धर्म बदल कर इस्लाम कबूल कर लिया और अपना नाम करीम अब्दुल रख लिया। किशोर कुमार एक तलाकशुदा थे। मधुबाला अपनी इच्छा से किशोर कुमार को अपने जीवन साथी के रूप में चुना।
किशोर कुमार के परिवार ने कभी भी मधुबाला को नहीं अपनाया, क्योकि किशोर कुमार के माता पिता ये मानते थे की उनकी पहली शादी टूटने की वजह मधुबाला थी।
शादी के बाद पता चला की मधुबाला के दिल में छेद है। किशोर कुमार मधुबाला को इलाज के लिए लन्दन ले गए, और डॉक्टर ने बतया की मधुबाला अब ज्यादा से ज्यादा 2 साल तक जीवित रह सकती हैं।
किशोर कुमार मधुबाला को उनके पिता के घर वापस छोड़ आये ये बोल कर की वो इनका ख्याल नहीं रख सकते क्योकि वो खुद जायदातर बहार ही रहते है।
मधुबाला की मृत्यु (Madhubala death)
जीवन में इतने उतार चढाव के बाद आखिर मधुबाला अब थक चुकी थी। जब उन्हें पता चला की उनके दिल में छेद है तो वह टूट सी गयी। इस बीमारी के कारण मधुबाला के शरीर में खून की मात्रा बढ़ती जा रही थी और ये अतिरिक्त खून उनकी नाक और मुँह से बाहर आने लगता था।
मधुबाला के डॉक्टर भी इस रोग के आगे हार गये और ये भी कहा गया की डॉक्टर ने उनके दिल का ऑपरेशन करने से मना कर दिया ये कह कर की हो सकता है की ऑपरेशन के दौरान ही इनकी मौत हो जाये।
मधुबाला अपने जीवन के आखरी साल बिस्तर पर ही बितायी। 23 फरवरी 1969 को अपना 36 वाँ जन्मदिन मना लेने के 9 दिन बाद मधुबाला की मृत्यु हो गयी।
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मधुबाला की फ़िल्में (Madhubala film list)
मधुबाला की लगभग सभी फिल्मो को दिया जा रहा है-
Madhubala Biography In Hindi
फिल्मे | रिलीज़ तिथि |
बसंत | 1942 |
मुमताज़ महल | 1944 |
धन्ना भगत | 1945 |
पुजारी | 1946 |
फुलवारी | 1946 |
राजपूतानी | 1946 |
नील कमल | 1947 |
चित्तर विजय | 1947 |
मेरे भगवन | 1947 |
ख़ूबसूरत दुनिया | 1947 |
दिल की रानी | 1947 |
पराई आग | 1948 |
लाल दुपट्टा | 1948 |
देश सेवा | 1948 |
अमर प्रेम | 1948 |
सिपहिया | 1949 |
सिंगार | 1949 |
पारस | 1949 |
नेकी और बदी | 1949 |
महल | 1949 |
इम्तिहान | 1949 |
दुलारी | 1949 |
दौलत | 1949 |
अपराधी | 1949 |
परदेस | 1950 |
निशाना | 1950 |
निराला | 1950 |
मधुबाला | 1950 |
हँसते आंसू | 1950 |
बेक़सूर | 1950 |
तराना | 1951 |
सैयां | 1951 |
नाजनीन | 1951 |
नादान | 1951 |
खज़ाना | 1951 |
बादल | 1951 |
आराम | 1951 |
साकी | 1952 |
देश्भक्तन | 1952 |
संगदिल | 1952 |
रेल का डिब्बा | 1953 |
अरमान | 1953 |
बहुत हुए दिन | 1954 |
अमर | 1954 |
तीरंदाज़ | 1955 |
नक़ाब | 1955 |
नाता | 1955 |
मि और मिस 55 | 1955 |
शीरीं फरहाद | 1956 |
राज हत | 1956 |
ढाके की मलमल | 1956 |
यहूदी की लड़की | 1957 |
गेटवे ऑफ़ इंडिया | 1957 |
एक साल | 1957 |
पुलिस | 1958 |
फागुन | 1958 |
काला पानी | 1958 |
हावड़ा ब्रिज | 1958 |
चलती का नाम गाडी | 1958 |
बागी सिपाही | 1958 |
कल हमारा है | 1959 |
इंसान जाग उठा | 1959 |
दो उस्ताद | 1959 |
महलों के ख्वाब | 1960 |
जाली नोट | 1960 |
बरसात की रात | 1960 |
मुग़ले आज़म | 1960 |
पासपोर्ट | 1961 |
झुमरू | 1961 |
बॉय फ्रेंड | 1961 |
हाफ टिकट | 1962 |
शराबी | 1964 |
ज्वाला | 1971 |