UP Jansankhya Kanoon | यूपी जनसंख्या कानून ड्राफ्ट तैयार | जनसंख्या विधेयक की सुविधाएं | UP Jansankhya Kanoon Prastav | UP Population Law
UP Jansankhya Kanoon 2021: नमस्कार दोस्तों जैसे कि आप सभी को पता है की उत्तर प्रदेश की जनसंख्या दुनिया के कई देशों से ज्यादा है। जनसंख्या बढ़ने से देश पर कितना दबाब पड़ता है, ऐसे में जनसंख्या नियंत्रण कानून लाने की बहुत अधिक आवश्यकता है। इस कानून को लाने से सभी नागरिकों को उचित संसाधन उपलब्ध हो पाएंगे। इस समस्या को देखते हो इसी दिशा में राज्य विधि आयोग ने एक पहल की है। अंततः राज्य विधि आयोग द्वारा यूपी जनसंख्या कानून का एक प्रस्ताव तैयार किया है। इस प्रस्ताव को किसी सरकारी आदेश पर नहीं बल्कि आयोग ने खुद तैयार किया है।
इसलिए आज हम आपको इस पोस्ट के माध्यम से इसी प्रस्ताव से संबंधित संपूर्ण जानकारी प्रदान करने जा रहे हैं। जिसमे हम जानेगे कि यूपी जनसंख्या कानून प्रस्ताव क्या है?, इस कानून को लागू होने पर इसके अंतर्गत लोगों को क्या-क्या लाभ होंगे?, इसका पालन ना करने पर लोगों को क्या क्या समस्याएं हो सकती है ? इस कानून का उद्देश्य क्या है?, और इसकी विशेषताएं क्या है? आदि।
तो चलिए शुरू करते है हम आज का हमारा टॉपिक UP Jansankhya Kanoon 2021: यूपी जनसंख्या कानून 2021
UP Jansankhya Kanoon Prastav – यूपी जनसांख्य कानून प्रस्ताव
सबसे पहले हम ये जान लेते है की UP Jansankhya Kanoon Prastav है क्या? यूपी जनसंख्या कानून प्रस्ताव को राज्य विधि आयोग द्वारा तैयार किया गया है। इस प्रस्ताव में उत्तर प्रदेश की जनसंख्या नियंत्रण के लिए कानूनी उपाय के सुझाव प्रदान किए गए हैं। इस प्रस्ताव को विधि आयोग ने अपनी वेबसाइट http://upslc.upsdc.gov.in/ पर अपलोड कर दिया है और 19 जुलाई 2021 तक इस प्रस्ताव पर जनता से राय मांगी गई है।
इस प्रस्ताव में जनता द्वारा प्राप्त हुई राय पर आयोग द्वारा विचार करने के बाद इस प्रस्ताव को सरकार को सौंप दिया जाएगा। यूपी जनसंख्या कानून प्रस्ताव के अनुशार दो या दो से कम बच्चे वाले अभिभावकों को विभिन्न प्रकार की सुविधा प्रदान की जाएगी लेकिन दो से अधिक बच्चे वाले अभिभावकों को कई सरकारी सुविधाओं से वंचित रखने का प्रावधान किया गया है।
यदि इस प्रस्ताव को लागू किया जाता है तो वे सभी लोग जो जनसंख्या नियंत्रण में मदद करेंगे उनको सरकार द्वारा प्रोत्साहन के रूप में कई सुविधाएं प्रदान कि जाएगी।
यदि कसी व्यक्ति के दो से अधिक बच्चे होंगे तो इस स्थिति में सरकारी नौकरी में आवेदन से लेकर स्थानीय निकाय चुनाव लड़ने तक पर रोक लगाई जा सकती है।
इस ड्राफ्ट में शामिल कानून का उल्लंघन करने वाले नागरिकों को 77 सरकारी योजनाओं एवं अनुदान से वंचित रखने का भी प्रावधान किया गया है।
यूपी जनसंख्या कानून के लाभ और विशेषताएं | Benefits and Features of UP Population Law
अब हम जानते है की इस कानून के क्या लाभ और विशेषताएं है –
इस यूपी जनसंख्या कानून प्रस्ताव को राज्य विधि आयोग ने तैयार किया है।
इस प्रस्ताव में उत्तर प्रदेश की जनसंख्या नियंत्रण के लिए कानूनी उपाय के सुझाव प्रदान किए गए हैं।
19 जुलाई 2021 तक इस यूपी जनसंख्या कानून प्रस्ताव पर जनता से राय मांगी गई है।
जनता द्वारा प्राप्त हुई राय पर आयोग द्वारा विचार करने के बाद इस प्रस्ताव को सरकार को सौंप दिया जाएगा।
दो या दो से कम बच्चे वाले अभिभावकों को विभिन्न प्रकार की सुविधा प्रदान की जाएगी।
दो से अधिक बच्चे वाले अभिभावकों को कई सरकारी सुविधाओं से वंचित रखने का प्रावधान किया गया है।
यदि यह प्रस्ताव कानून में तब्दील हो जाता है तो सरकार को जनसंख्या नियंत्रण करने में मदद होगी।
यूपी जनसंख्या कानून का उद्देश्य क्या है? – What is the purpose of UP Population Act?
यूपी जनसंख्या कानून का मुख्य उद्देश्य उत्तर प्रदेश में तेजी से बढ़ती जा रही जनसंख्या को नियंत्रित करना है।
अगर ये कानून पास हो जाता है तो इस कानून के माध्यम से वह सभी परिवार जो परिवार नियोजन के उपाय अपनाएंगे उनको विभिन्न प्रकार के राज्य सरकार की ओर से प्रोत्साहन प्रदान किए जाएंगे एवं जो परिवार इस यूपी जनसंख्या कानून का उल्लंघन करेंगे उन्हें विभिन्न प्रकार के सरकारी लाभों से वंचित रखा जाएगा।
यदि यह प्रस्ताव कानून में बदल जाता है तो उत्तर प्रदेश की जनसंख्या कम होगी जिससे कि संसाधनों का सामान आवंटन हो सकेगा। और इस कानून के माधयम से उत्तर प्रदेश में गरीबी को कम किया जा सकता है।
UP Jansankhya Kanoon प्रस्ताव का पालन करने वाले नागरिकों के लिए सरकारी प्रोत्साहन
यदि यह ड्राफ्ट यूपी जनसंख्या कानून लागू हो जाता है तो इस स्थिति में कानून का पालन करने वाले उत्तर प्रदेश के नागरिकों को निम्नलिखित प्रोत्साहन राशि प्रदान की जाएगी।
लोक सेवकों (सरकारी कर्मचारी) के लिए प्रोत्साहन(दो बच्चे):
वह सभी सरकारी कर्मचारी जो दो बच्चो के जन्म के बाद अपनी मर्जी से अपनी या फिर अपनी पत्नी की नसबंदी करवाएंगे उनको उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा निमलिखित लाभ प्रदान किए जाएंगे।
पूरी सेवा अभधी के दौरान 2 अतिरिक्त वेतन वृद्धि दिया जायेगा।
हाउसिंग बोर्ड से प्लॉट या हाउस साइट या निर्मित घर की खरीद पर सब्सिडी दी जाएगी।
घर का निर्माण करवाने के लिए बहुत कम ब्याज दर पर सॉफ्ट लोन दिया जायेगा।
पानी, बिजली, गृह कर आदि जैसी उपयोगिता पर छूट दी जाएगी
बच्चे के जन्म पर 12 महीने का पूरे वेतन एवं भत्ते के साथ अवकाश भी दिया जायेगा।
नेशनल पेंशन स्कीम के अंतर्गत एंप्लॉयर कंट्रीब्यूशन फंड में 3% की वृद्धि का लाभ दिया जायेगा।
जीवनसाथी को मुफ्त स्वास्थ्य देखभाल सुविधा एवं बीमा कवरेज का लाभ मिलेगा।
सरकारी कर्मचारियों के लिए प्रोत्साहन (एक बच्चा):
वह लोकसेवक जो एक बच्चो के जन्म के बाद ही अपनी मर्जी से अपनी या फिर अपने पति या फिर अपनी पत्नी की नसबंदी करवाते है तो उनको उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा निम्नलिखित लाभ प्रदान किए जाएंगे।
अपनी पूरी सेवा के दौरान 2 अतिरिक्त वेतन वृद्धि का लाभ दिया जायेगा।
बच्चे को 20 साल की आयु तक मुफ्त स्वास्थ्य देखभाल सुविधा एवं बीमा कवरेज का लाभ।
इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ मैनेजमेंट, ऑल इंडिया इंस्टिट्यूट ऑफ़ मेडिकल साइंस आदि सहित अन्य शिक्षण संस्थानों में बच्चे को प्रवेश प्रदान करने में प्राथमिकता दी जाएगी।
स्नातक स्तर तक मुफ्त शिक्षा का लाभ दिया जायेगा।
बालिकाओं को उच्च अध्ययन के लिए छात्रवृत्ति दी जाएगी।
वह सभी आम नागरिक जो दो बच्चो के जन्म के बाद अपनी मर्जी से अपनी या फिर अपने पति या पत्नी की नसबंदी करवाते है उनको राज्य सर्कार द्वारा निमलिखित लाभ प्रदान किए जाएंगे।
घर का निर्माण करवाने के लिए बहुत कम ब्याज दर पर सॉफ्ट लोन का लाभ।
पानी, बिजली, गृह कर आदि जैसी उपयोगिता पर छूट दी जाएगी।
बच्चे के जन्म पर 12 महीने का पूरे वेतन एवं भत्ते के साथ अवकाश दिया जायेगा।
आम जनता के लिए प्रोत्साहन (एक बच्चा):
वह सभी आम नागरिक जो एक बच्चे के जन्म के बाद अपनी मर्जी से अपनी या फिर अपने पति या पत्नी की नसबंदी करवाते है उनको राज्य सर्कार द्वारा निमलिखित लाभ प्रदान किए जाएंगे।
घर का निर्माण करवाने के लिए बहुत कम ब्याज दर पर सॉफ्ट लोन का लाभ।
पानी, बिजली, गृह कर आदि जैसी उपयोगिता पर छूट दी जाएगी।
बच्चे के जन्म पर 12 महीने का पूरे वेतन एवं भत्ते के साथ अवकाश दिया जायेगा।
बच्चे को 20 साल की आयु तक मुफ्त स्वास्थ्य देखभाल सुविधा एवं बीमा कवरेज का लाभ।
इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ मैनेजमेंट, ऑल इंडिया इंस्टिट्यूट ऑफ़ मेडिकल साइंस आदि सहित अन्य शिक्षण संस्थानों में बच्चे को प्रवेश प्रदान करने में प्राथमिकता दी जाएगी।
स्नातक स्तर तक मुफ्त शिक्षा का लाभ।
बालिकाओं को उच्च अध्ययन के लिए छात्रवृत्ति दी जाएगी।
सरकारी नौकरी में प्राथमिकता दी जाएगी।
गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले परिवार को कुछ मुख्य लाभ का प्रावधान।
यदि ये यूपी जनसंख्या प्रस्ताव कानून बन जाता है तो वह सभी नागरिक जो गरीबी रेखा से नीचे अपना जीवन यापन करते हैं और एक बच्चे के जन्म के बाद अपनी मर्जी से अपनी या फिर अपने पति या पत्नी की नसबंदी करवाते है उनको राज्य सरकार द्वारा एकमुश्त राशि का भुगतान करने का प्रावधान किया गया है। यदि उस नागरिक का बच्चा लड़का है तो यह एकमुश्त राशि 80000 रुपए की होगी और यदि बच्चा लड़की है तो यह एकमुश्त राशि 100000 रुपए दी जाएगी।
यूपी जनसंख्या कानून का पालन ना करने पर – For not following the UP population law
यदि यूपी जनसंख्या कानून बन जाता है तो वह सभी नागरिक जो इस कानून का पालन नहीं करेंगे उनको कोई भी प्रोत्साहन प्रदान नहीं किया जाएगा। इसके अलावा उनको निम्नलिखित हतोत्साहन का सामना भी करना पड़ेगा।
इस कानून का पालन न करने वाले सभी नागरिकों को सभी सरकारी योजनाओं से बाहर किया जा सकता है।
राशन कार्ड में भी परिवार के केवल चार ही सदस्य को शामिल किया जा सकेगा।
ऐसे परिवार जो इस कानून का पालन नहीं करेंगे उनको सरकारी अनुदान का भी लाभ नहीं मिलेगा।
ऐसे नागरिकों को स्थानीय निकाय चुनाव लड़ने से वंचित रखा जाएगा।
ऐसे नागरिक सरकारी नौकरियों के लिए नहीं कर सकेंगे आवेदन
ऐसे नागरिकों को सरकारी कर्मचारियों को प्रमोशन नहीं दिया जाएगा
UP Jansankhya Kanoon के अपवाद क्या है? – What are the exceptions to the UP Population Act?
यदि यूपी जनसंख्या प्रस्ताव को कानून बनाकर लागू किया जाता है तो निम्नलिखित अपवाद शामिल किए जाएंगे।
दूसरी गर्भावस्था से एकाधिक जन्म की स्तिथि पर
यदि किसी व्यक्ति के पास दो बच्चे अपने हैं और तीसरा बच्चा गोद लिया है इस स्थिति में।
पहले या दूसरे बच्चे की विकलांगता की स्थिति में।
पहले, दूसरे या दोनों बच्चों की मृत्यु हो जाने की स्थिति में।
वह परिवार जो इस अधिनियम के प्रारंभ के समय तीसरे बच्चे से गर्भवती हो इस स्थिति में।
यूपी जनसंख्या कानून के कार्यान्वयन के लिए सरकार के दायित्व
यदि यूपी जनसंख्या कानून लागू किया जाता है तो सरकार को निम्नलिखित कर्तव्य की पूर्ति करनी होगी।
सरकार द्वारा इस योजना का समय-समय पर संशोधन करना।
सभी प्राइमरी हेल्थ केयर सेंटर पर मेटरनिटी सेंटर स्थापित करना।
फैमिली प्लैनिंग मैथर्ड के बारे में जागरूकता फैलाना।
गर्भावस्था पंजीकरण, प्रसव, जन्म एवं मृत्यु का पंजीकरण सुनिश्चित करना।
आयरन एवं विटामिन कैप्सूल गर्भवती महिलाओं को देना।
बच्चों का टीकाकरण समय से करना।
छोटे परिवार के लाभ की जानकारी लोगों तक पहुंचाना।
सरकार द्वारा स्कूल करिकुलम में पापुलेशन कंट्रोल विषय को जोड़ना।
सरकार द्वारा यह भी सुनिश्चित करना होगा कि प्रदेश के नागरिकों को निरोधक उपलब्ध करवाए जाएं।
यदि किसी वजह से नसबंदी का ऑपरेशन सफल नहीं होता है तो इस स्थिति में ₹50000 का इंश्योरेंस कवर प्रदान किया जाएगा।
यदि नसबंदी के ऑपरेशन की कमी की वजह से बच्चे का जन्म होता है तो इस स्थिति में यूपी जनसंख्या कानून का उल्लंघन नहीं माना जाएगा एवं दंपति को सभी लाभ प्रदान किए जाएंगे।
एक स्टेट पापुलेशन फंड भी गठित किया जाएगा जिसके माध्यम से इस योजना के कार्यान्वयन किया जाएगा।
बहु विवाह की स्थिति में खास प्रावधान किया गया है
इस यूपी जनसंख्या कानून के प्रस्ताव में बहुविवाहके लिए एक खास प्रावधान किया गया है। इस कानून में धार्मिक या पर्सनल लॉ के अंतर्गत एक से अधिक शादी करने वाले दंपत्ति के लिए एक खास प्रावधान निर्धारित किया गया है।
यदि कोई व्यक्ति एक से अधिक शादी करता है और सभी पत्नियों से मिलाकर उसके दो से अधिक बच्चे होते हैं तो इस स्थिति में पति सभी सुविधाओं से वंचित होगा लेकिन पत्नी को सभी सुविधाओं का लाभ प्रदान किया जाएगा।
यदि कोई महिला एक से अधिक शादी करती है और उसके सभी पतियों से मिला कर दो से अधिक बच्चे होते हैं तो इस स्थिति में महिला को सभी सरकारी सुविधाओं से वंचित रखा जाएगा लेकिन उसके पतियों को सभी सुविधाएं प्रदान की जाएंगी।
तो हमने आपको इस यूपी जनसंख्या कानून 2021 के बारे में पूरी जानकारी दे दी है। मेरे मायनों में इस प्रस्ताव से ऐसा प्रतीत होता है की ये कानून बहुत अच्छा है क्योकि इससे जनसंख्या कम होगी और यदि जनसंख्या कम होगी तो संसाधनो का बराबर लाभ मिलेगा। यदि जनसंख्या नियंत्रण पर ध्यान नहीं दिया गया तो हर तरफ वेरोजगारी, भुखमरी, गरीबी जैसे हालत देखने को मिलेंगे। केवल उत्तर प्रदेश में ही नहीं इस कानून को पुरे देश में लागू करना चाहिए। आपकी सोच अलग हो सकती बस ये मेरा मन्ना था।
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